शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023

ओह!



जब हम सुबह अखबार देखते हैं ....तो कुछ खबरों को पढ़ कर बड़ा अफसोस होता है...दुख होता है...कहते हैं  ओह! 

आज एक खबर...हर अखबार की सुर्खियां बनी है...अतिक अहमद का बेटा असद अहमद का जो हश्र हुआ...उससे हर मां-बाप को सबक लेना चाहिए...असद एक कुम्हार की कच्ची मिट्टी की तरह था...वकिल बनाना चाहता था...पढ़ने में तेज था...प्रयागराज के एक प्रतिष्ठित स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी की...आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ चला गया...वह विदेश जाकर लॉ की पढ़ाई करना चाहता था...लंदन के कई कॉलेजों में अप्लाई भी किया...पर अपराधिक परिवार की वजह से उसका पासपोर्ट ही नहीं बन सका...उसे 11 साल की उम्र से ही बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी...उसका परिवेश...उसके अपने मां-बाप के कर्मों ने ही उसकी जिन्दगी छिन ली...काश वह एक संस्कारी मां-बाप का औलाद होता...ऐसी खबरों  पर दुख व्यक्त करने की बजाए... हमें सबक लेने चाहिए...

अनिता कर्ण