शनिवार, 22 जुलाई 2023

चांद मामू क्या कीमत है उनकी?

चांद मामू,

उन्हें कोई नहीं पूछता,

न तीज में, न त्योहार में,

न शादी में, न सगाई में,

न उठावनी में, न संसकार में,

वो कभी चर्चाओं में भी नहीं होते,

न अपनों में, न परायों में,

उन्हें अपनी उम्र की गिनती नहीं आती,

और न ही उन्हें पता है रिश्तों का व्याकरण,

वो आज भी वहीं ठहर गए हैं,

अपनी मां की गोद से उतरकर,

अपनी मातृभाषा सीखने से पहले,

उनके लिए कोई उपहार नहीं लाता,

और न ही उनके लिए टॉफी ले जाता है,

उन्हें किसी का इंतजार भी नहीं है, 

उनमें न तो रोशनी है,

न शीतलता है,

न वो गाय हैं, न बकरी

न वो किसी आहार बन सकते हैं,

न ही उनकी खाल से किसी के जुते,

क्या कीमत है उनकी?

कनहोज में पड़े बेजुवान जानवर से भी कम!










चांद मामू,

उन्हें कोई नहीं पूछता,

न तीज में, न त्योहार में,

न शादी में, न सगाई में,

न उठावनी में, न संसकार में,

वो कभी चर्चाओं में भी नहीं होते,

न अपनों में, न परायों में,

उन्हें अपनी उम्र की गिनती नहीं आती,

और न ही उन्हें पता है रिश्तों का व्याकरण,

वो आज भी वहीं ठहर गए हैं,

अपनी मां की गोद से उतरकर,

अपनी मातृभाषा सीखने से पहले,

उनके लिए कोई उपहार नहीं लाता,

और न ही उनके लिए टॉफी ले जाता है,

उन्हें किसी का इंतजार भी नहीं है, 

उनमें न तो रोशनी है,

न शीतलता है,

न वो गाय हैं, न बकरी

न वो किसी आहार बन सकते हैं,

न ही उनकी खाल से किसी के जुते,

क्या कीमत है उनकी?

कनहोज में पड़े बेजुवान जानवर से भी कम!