अनिता कर्ण
अनिता कर्ण
सोमवार, 12 अप्रैल 2010
चिरकुटानंद स्वामी
चिरकुट-कामचोर,
पॉकेट में हाथ,
हर वक्त होते बॉस के साथ,
काम का बस करते शोर,
ये चिरकुट-कामचोर,
मुंह में हरदम गुटका और पान,
यही है चिरकुट की पहचान
2 टिप्पणियां:
Randhir Singh Suman
13 अप्रैल 2010 को 6:12 am बजे
nice
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amit kumar
1 अगस्त 2010 को 12:06 pm बजे
चिरकुट की पहचान इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता
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nice
जवाब देंहटाएंचिरकुट की पहचान इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता
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